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महात्मा गांधी पुष्यतिथि विशेष: 'हिंदू होने का गर्व है लेकिन मेरा धर्म न तो असहिष्णु है और न बहिष्कारवादी'

<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्लीः</strong> 30 जनवरी 1948, यह वही दिन था जब शाम पांच बजकर पंद्रह मिनट पर महात्मा गांधी बिरला हाउस के प्रार्थना स्थल की तरफ़ बढ़ रहे थे, तभी ठीक दो मिनट बाद नाथूराम गोडसे ने अपनी बेरेटा पिस्टल की तीन गोलियां महात्मा गांधी के शरीर में

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