<p style="text-align: justify;"><strong>वॉशिंगटन:</strong> अमेरिका की एक महिला सांसद ने दावा किया है कि चीन ने डोकलाम इलाके में ‘गुपचुप अपनी गतिविधियां फिर शुरू’ कर दी हैं और न तो भूटान और न ही भारत ने उसे ऐसा करने से रोका है. अमेरिकी सांसद के इस बयान को भारत ने खारिज किया है. सांसद एन वेगनर ने एशिया प्रशांत के लिये सदन की विदेश मामलों की उप समिति की सुनवाई के दौरान यह दावा किया. सुनवाई के दौरान उन्होंने विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी एलिस जी वेल्स से हिमालय क्षेत्र में बीजिंग की कार्रवाई के बारे में एक सवाल भी पूछा और इसकी तुलना विवादित दक्षिण चीन सागर में उसके द्वारा की जा रही गतिविधियों से की.</p> <p style="text-align: justify;">भूटान के पास डोकलाम इलाके में चीन द्वारा सड़क बनाए जाने को लेकर 73 दिनों तक चले गतिरोध के दौरान भारत और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था. यह गतिरोध तब खत्म हुआ जब दोनों पक्षों ने इलाके से हटने पर सहमति जताई और इसके बाद से चीन द्वारा वहां फिर से अपनी गतिविधियां शुरू किये जाने को लेकर कोई पुष्ट या आधिकारिक खबर नहीं है.</p> <p style="text-align: justify;">वेगनर ने पूछा, ‘‘दोनों देश पीछे हट गए थे लेकिन चीन ने डोकलाम में चुपचाप अपनी गतिविधियां फिर से शुरू कर दी और न तो भूटान, न ही भारत ने उसे ऐसा करने से रोका. हिमालय में चीन की गतिविधियां मुझे उसकी दक्षिण चीन सागर की नीति की याद दिलाती हैं.’’ उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर के सैन्यीकरण पर प्रतिक्रिया देने पर हमारी विफलता को देखते हुए हम कैसे हिमालयी सीमा विवाद पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया के लिये तैयार करेंगे. वेगनर ने चीन द्वारा अपनी गतिविधियां फिर शुरू किये जाने को लेकर कोई विवरण नहीं दिया.</p> <p style="text-align: justify;">दक्षिणी और मध्य एशिया के लिए विदेश मंत्रालय की प्रमुख उप-सहायक विदेश मंत्री एलिस जी वेल्स ने सीधे तौर पर डोकलाम का हवाला नहीं दिया लेकिन वेगनर और अन्य सांसदों को बताया, ‘‘मैं यह कहूंगी कि भारत अपनी उत्तरी सीमाओं का पुरजोर तरीके से बचाव कर रहा है और यह (उत्तरी सीमा पर स्थिति) भारत के लिये चिंता का विषय है.’’ वेल्स ने कहा कि अमेरिका ‘दक्षिण चीन सागर रणनीति’ के संदर्भ में ट्रंप प्रशासन द्वारा आगे बढ़ाई गई भारत-प्रशांत रणनीति को देखता है.</p> <p style="text-align: justify;">चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता रहा है. वहीं, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और ताईवान इस दावे का विरोध करते रहे हैं. वेल्स ने कहा, ‘‘हम इस क्षेत्र को खुला कैसे रख सकते हैं, नौवहन सुरक्षा कैसे बरकरार रख सकते हैं , कैसे सैन्यीकरण न करें जिससे 70 फीसद वैश्विक कारोबार खतरे में न आए.’’ वहीं, नई दिल्ली में विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने आराज्यसभा में कहा कि डोकलाम और उसके आसपास जिस स्थान पर चीन के साथ तनातनी हुई थी, वहां कोई नया घटनाक्रम नहीं हुआ है तथा क्षेत्र में यथास्थिति बरकरार है.</p> <p style="text-align: justify;">सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा, ‘‘28 अगस्त 2017 को डोकलाम क्षेत्र में भारतीय और चीनी सीमा सुरक्षा बलों को हटाए जाने के बाद विवादित जगह पर और उसके आसपास के क्षेत्र में कोई नई घटना नहीं है. उस क्षेत्र में यथास्थिति बरकरार है.’’उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारे उच्च स्तरीय आदान प्रदान में निरंतर अपने रूख पर कायम रहते हुए सरकार ने अवगत करा दिया है कि भारत और चीन के सीमा क्षेत्रों में शांति बनाये रखना द्विपक्षीय संबंधों को सुचारू बनाये रखने के लिए एक महत्वपूर्ण पूर्व शर्त है.</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने आगे कहा कि सरकार, भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखती है और इसकी रक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करती है.</p>
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